एक ऐसी पूजा जिसमें कोई पुजारी नहीं होता,
जिसमें देवता प्रत्यक्ष हैं
जिसमें ढूबते सूर्य को भी पूजते हैं,
जिसमें व्रती जाति समुदाय से परे है,
जिसमें केवल लोक गीत गाते हैं,
जिसमें पकवान घर पर बनते हैं,
जिसमें घाटों पर कोई ऊँच नीच नहीं है,
जिसमें प्रसाद अमीर गरीब सभी श्रद्धा से ग्रहण करते हैं।
ऐसे सामाजिक सौहार्द, सद्भाव, शांति, समृद्धि और सादगी के महापर्व छठ की शुभकामनाएं।
जय हो छठ माई की 🙏
जयतु भारत 🚩
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